संदेश

गेसू-ए-शाम में एक सितारा एक ख़याल

क्या लिखूँ ......?

सामने उसके कभी उसकी सताइश नहीं की।

हुस्न पर जब कभी शबाब आया

कोई समझाए ये क्या रंग है मैख़ाने का

सोचा नहीं अच्छा बुरा, देखा सुना कुछ भी नहीं

दर्द बढ़ कर

kisi ke khatir

Love